surendra@4004

Add To collaction

लेखनी कहानी -02-Dec-2021

दिल की दहलीज़ पर कदम उनका उठना भी लाज़मी था 

मेरी आँखों में इक ख्वाब उनका पलना भी लाज़मी था
गुस्ताखी, कशिश, ये सब अल्फाज हैं मोहब्बत में
इनका एहसास होना भी लाज़मी था

   11
4 Comments

रतन कुमार

03-Dec-2021 02:06 AM

Nice

Reply

Swati chourasia

02-Dec-2021 08:30 PM

Very nice 👌

Reply

Dr. SAGHEER AHMAD SIDDIQUI

02-Dec-2021 12:09 PM

Wah

Reply